सोचा था जब मिलेंगे राह चलते कभी,
दिल की बातें जुबान पर न आने देंगे।
हमने लब खोले भी नहीं और वो सब जान जायें,
खामोशियों को समझने की वो अदा उनमें आज भी है।
दिल की बातें जुबान पर न आने देंगे।
हमने लब खोले भी नहीं और वो सब जान जायें,
खामोशियों को समझने की वो अदा उनमें आज भी है।
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