Friday, August 5, 2022

थी जिस की जुस्तुजू वो हक़ीक़त नहीं मिली

थी जिस की जुस्तुजू वो हक़ीक़त नहीं मिली 

इन बस्तियों में हम को रिफ़ाक़त नहीं मिली 

अब तक हैं इस गुमाँ में कि हम भी हैं दहर में 
इस वहम से नजात की सूरत नहीं मिली 

रहना था उस के साथ बहुत देर तक मगर 
इन रोज़ ओ शब में मुझ को ये फ़ुर्सत नहीं मिली 

कहना था जिस को उस से किसी वक़्त में मुझे 
इस बात के कलाम की मोहलत नहीं मिली 

कुछ दिन के बा'द उस से जुदा हो गए 'मुनीर' 
उस बेवफ़ा से अपनी तबीअ'त नहीं मिली 

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