प्रश्नपत्र है जिंदगी,
जस की तस स्वीकार्य!
कुछ भी वैकल्पिक नहीं,
सभी प्रश्न अनिवार्य!
Wednesday, October 31, 2018
Tuesday, October 30, 2018
भूख
भूख ने निचोड़ कर रख दिया है जिन्हें,
उनके तो हालात ना पूछो, तो अच्छा है!
मज़बूरी में जिनकी लाज लगी दांव पर,
क्या लाई सौगात ना पूछो तो अच्छा है!
बाढ़ के पानी में बह गए छप्पर जिनके,
कैसे गुजारी रात ना पूछो तो अच्छा है!
थोड़ी सी जिन्दगी
कभी आंसू कभी ख़ुशी बेची,
हम गरीबों ने बेकसी बेची,
चंद सांसे खरीदने के लिए,
रोज थोड़ी सी जिन्दगी बेची!
खुशिओं का ताल्लुक
जब भी देखता हूँ, किसी गरीब को हँसते हुए,
यकीन आता है, खुशिओं का ताल्लुक दौलत से नहीं।
उलझी ही रहने दे
सुलझ जायेगी तो सिमटने लगेगी,
चल कुछ बातें उलझी ही रहने दे।
न वज़ह ढूँढ, न अंजाम तक जा,
बस इस कारवां को यूँ ही बहने दे।।
Friday, October 26, 2018
Thursday, October 25, 2018
एहसास
दूर हमसे यू बार बार जाया न करो,
दिल को इस क़दर तड़पाया न करो।
तुम बिन इक पल भी जी सकेंगे न हम,
ये एहसास बार बार दिलाया न करो।।
Tuesday, October 23, 2018
कहाँ हो, कैसे हो
दौलत नहीं, शोहरत नहीं,
ना वाह वाह चाहिये।
कहाँ हो ? कैसे हो ?
बस दो लब्जों की परवाह चाहिये।।
Saturday, October 13, 2018
दोस्त पुराने
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।
हिफाज़त
जो तीर भी आता वो खाली नहीं जाता,
मायूस मेरे दिल से सवाली नहीं जाता।
काँटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाज़त,
फूलों को बचाने कोई माली नहीं जाता।
बेमुकाम
शायद यही ज़िंदगी का इम्तिहान होता है,
कि हर एक शख्स गुलाम होता है।
कोई ढूढ़ता है ज़िंदगी भर मंज़िलों को,
कोई पाकर मंज़िलों को भी बेमुकाम होता है।।