Tuesday, December 31, 2013

नासमझ

नासमझ ही रहते हम तो ठीक था,
उलझनें बढ़ गई हैं जब से समझदार हुए..

Saturday, December 28, 2013

दो गज़ ही सही

"दो गज़ ही सही लेकिन ये मेरी मिल्कियत तो है,
ऐ मौत तूने मुझको ज़मीदार कर दिया"..


बदन हर शाम कहता है

"ज़रूरत' दिन निकलते ही निकल पड़ती है 'डयूटी' पर,
'बदन' हर शाम कहता है कि अब 'हड़ताल' हो जाए..

जमाने की रिवायत से

थोडा हटके चलता हूँ जमाने की रिवायत से........
कि जिनपे मैं बोझ डालूँ.. वो कन्धा याद रखता हूँ...

गहराई और राज

"पानी दरिया में हो या आँखों में
गहराई और राज दोनों में होते है"..

ज़िन्दगी तू ही बता

कभी राज़ी तो कभी मुझसे ख़फ़ा लगती है...
ज़िन्दगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है

काश हम इंसान होते

सरक गया, जब उसके रुख से पर्दा अचानक ! 
फ़रिश्ते भी कहने लगे, काश हम भी इंसान होते !!

Saturday, December 21, 2013

dil ke tukde

Sapne saare tod kar baithe hain,
dil ka armaan chod kar baithe hain,
na kijiye humse wafa ki baatein,
abhi-abhi dil ke tukde jod kar baithe hain...

Wednesday, December 11, 2013

बुलबुला पानी का

"न कर गुमां बन्दे तूँ, अपने हुस्न ओ जवानी का,
तेरी जिंदगी क्या, फक्त एक बुलबुला है पानी का।

ये तेरी चन्दन सी देह भी, माटी में मिल जायेगी,
सब यहीं रह जायेगा, बस तेर नेकी साथ जायेगी"..

Tuesday, December 10, 2013

वो चीज अता कर

अपने मुकद्दर का तो मिल ही जायेगा,
ऐ खुदा वो चीज अता कर, जो किस्मत मैं न हो..

Monday, December 9, 2013

फर्क

नज़र नज़र का फर्क होता है हुस्न का नहीं,
महबूब जिसका भी हो बेमिसाल होता है..

Sunday, December 8, 2013

अभी हमने

लहरों को शांत देखकर ये मत समझना,
कि लहरों में रवानी नहीं..
हम जब भी उठे;तूफ़ान बन कर उठेंगे, 
कि अभी हमने उठने की ठानी नहीं..

Saturday, December 7, 2013

उलझन में

कितने सुलझे हुए तरीके से.....
मुझको उलझन में डाल जाते हो...

समझाते मुझको हैं

समझाते मुझको हैं... 
मुझको कुछ ना समझने वाले !!

ज़िक्र तेरा

जब भी होती है गुफ़्तगू खुद से....
ज़िक्र तेरा जरूर आता है....

फिर किसी से मुहब्बत करना

पहले खुशबू के मिज़ाजों को समझ लो....
फिर गुलिस्ताँ में किसी गुल से मुहब्बत करना....

Tanhayon se mohabbat

Intezar ki aarzu ab kho gayi hai,
Khamoshiyo ki aadat ho gayi hai,
Na shikwa raha na shikayat kisi se,
Agar hai to ek mohabbat, 

jo in tanhaiyon se ho gayi hai..!

Friday, December 6, 2013

वो उसका देखना

नजाकत से मेरी आँखों में वो उसका देखना तौबा,
इलाही हम उन्हें देखें या उनका देखना देखें !!

Wednesday, December 4, 2013

Jeetne Ka Maza

Khokar Pane Ka Maza He Kuchh Aur Hai,
Rokar Muskurane Ka Maza He Kuchh Aur Hai..
Haar To Zindgi Ka Hissa Hai Mere Dost,
Harne Ke Baad Jeetne Ka Maza He Kuchh Aur Hai…

Door Mat Hona

Mashoor Hona Par Magroor Na Hona,
Kamyabi Ke Nashe Main Choor Na Hona..
Mil Jaye Sari Kaynat Aapko Magar,

Iske Liye Apnon Se Kabhi Door Mat Hona…..

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं उसकी ये गुलसिताँ हमारा

ग़ुरबत[1] में हों अगर हम रहता है दिल वतन में
समझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा

पर्बत वो सब से ऊँचा हमसाया[2] आसमाँ का
वो सन्तरी हमारा वो पासबाँ[3] हमारा

गोदी में खेलती हैं जिसकी हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिस के दम से रश्क-ए-जिनाँ[4] हमारा

ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा, वो दिन है याद तुझ को
उतरा तेरे किनारे जब कारवाँ हमारा

मज़हब[5] नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा

यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमा सब मिट गये जहाँ से
अब तक मगर है बाक़ी[6] नाम-ओ-निशाँ हमारा

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा

'इक़बाल' कोई महरम[7] अपना नहीं जहाँ में
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहाँ[8] हमारा

- इक़बाल

01 परदेस
02 पड़ोसी
03 रक्षक
04 स्वर्ग का प्रतिस्पर्धी
05 धर्म
06 शेष
07 परिचित
08 छिपा हुआ दु:ख

Tuesday, December 3, 2013

वफ़ा नहीं मिलती

"ज़िन्दगी में ज़िन्दगी कि अदा नहीं मिलती
मुफ्त मे तो किसी कि दुआ नहीं मिलती,

तुम लाख आज़माते रहो लोगों को
किसी से दिल नहीं मिलता, तो किसी कि रज़ा नहीं मिलती,

मुझे मग़रूर मत समझो ए दोस्तों
एक बस उसकी याद से मुझे पनाह नहीं मिलती,

बात अगर मोहब्बत कि है तो जान लो दोस्तों
किसी को मिलती है बेहद , तो किसी को ज़रा नहीं मिलती,

यु तो मिलती है हर चीज़ दुनिया के बाज़ार में
नहीं मिलती अगर कुछ तो फ़क़त वफ़ा नहीं मिलती"..

Monday, December 2, 2013

सच कहा तो

"सच्चाई के आईने काले हो गये,
बुजदिलों के घर मेँ उजाले हो गए,
झुठ बाजार मेँ बेखौफ बिकता रहा,
मैंने सच कहा तो जान के लाले हो गए"..