Saturday, November 30, 2013

तलबगार नहीं हूँ

"बाज़ार से गुज़रा हूँ,खरीददार नहीं हूँ,
सजदे में झुका हूँ कोई गुनेहगार नहीं हूँ,
अपनी सियासत अपने पास रहने दो यारों,
अब में किसी ओहदे का तलबगार नहीं हूँ"..

Friday, November 29, 2013

Har Ek Jooth

Doopahr Tak Bik Gaya!
Bazar Ka Har Ek Jhoot ! 

Aur Main Ek Sach Le Kar 
Shaam Tak Baitha He Raha…!

Thursday, November 28, 2013

चलो शराब पीते हैं

"वो सपनो की चादर 
जो जिंदगी के थपेड़े खा कर 
फट चुकी है,
नशे में ही सही...

उस चादर को सीते हैं... 
चलो शराब पीते हैं"..

उनकी नज़र के सामने

इस बात पे बिगड़ बैठे हैं.. साहिब-ए-हुस्न कि हमने...
इक फूल को क्यों चूमा... उनकी नज़र के सामने....

रात के सन्नाटे में

रात के सन्नाटे में हमने क्या-क्या धोके खाए है 
अपना ही जब दिल धड़का तो हम समझे वो आए है॥

- क़तील शिफ़ाई

ज़रा सा दिल टूटा है

तुम पूछो और मैं न बताउ ऐसे तो हालात नहीं
एक ज़रा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं॥

तस्सवुर मेरा

जब तस्सवुर मेरा चुपके से तुझे छू आए
देर तक अपने बदन से तेरी खुशबू आए॥

वक़्त कुछ ऐसा आ ठहरा

वक़्त ही कुछ ऐसा आ ठहरा है अब...
यादें ही नहीं होतीं याद करने के लिए...

Wednesday, November 27, 2013

उम्मीद

"मैं तेरी मोहब्बत की चाहत में कब तक ज़िल्लत उठाता रहूँ,
अब तो कोई ऐसा सितम कर कि हर उम्मीद टूट जाए"..

Monday, November 25, 2013

वो शहर हूँ मै

है दफन मुझमे रौनके कितनी मत पूछ....
जो उजड़-उजड़ कर बसता रहा, वो शहर हूँ मै...!!

dard iss baat ka

door jaakar bhi door jaa na sakenge,
kitna royenge hum bata na sakenge.
gamm iska nahi ki aap mil na sakoge,
dard iss baat ka, ki hum aapko bhula na sakenge..

Saturday, November 23, 2013

जीना सिखा दिया

अफ़सोस तो है तेरे बदल जाने का मगर....
तेरी कुछ बातों ने मुझे जीना सिखा दिया.....

रोने से न बदलेंगे नसीब

किसी ने सच कहा, के रोने से न बदलेंगे नसीब,
तू खुश है इस खुशफ़हमी को सच्चा मान लेते है!!

मेरी माँ है जो

यह दुनिया तो मेरे ज़ज्बातों को खिलौना समझती है,
कहीं दूर बैठी मेरी माँ है जो मेरा रोना समझती है…!!

Friday, November 22, 2013

खुद फ़रिश्ते

हज़ारों ऐब गिनते हैं हम दुसरो के यूँ ...
अपने किरदार में हम खुद फ़रिश्ते हो जैसे??

जन्नत नहीं मिलती

कुछ अमल भी ज़रूरी है, इबादत के लिए;
सिर्फ सजदा करने से, किसी को जन्नत नहीं मिलती ....

Pyar Kya Hota Hai

Tadap K Dekh Kisi Ki Chahat Mein.
To Pata Chale Intzaar Kya Hota Hai,
Yu Mil Jaaye Agar Koi Bina Tadap Ke,
To Kaise Pata Chale Pyar Kya Hota Hai...

अफ़वाह थी

अफ़वाह थी कि मेरी तबियत खराब है..
लोगों ने पूछ पूछ कर बीमार कर दिया..

बेटियां भी घर में उजाला करती है

जरुरी नहीं रोशनी चिरागों से ही हो....
बेटियां भी घर में उजाला करती है....!

Thursday, November 21, 2013

Kahin fir se zinda na ho jaun

Laut jati hai duniya gam hamara dekhkar,
Jaise laut jaati hai lehere kinara dekhkar.
Tu kandha na dena mere janaze ko,
Kahi fir se zinda na ho jau tere sahara dekhkar

अमीर बाप की बेटी गरीब

"कमी लिबास की तन पर अजीब लगती है,
मुझे अमीर बाप की बेटी गरीब लगती है"..

सरफ़रोशी की तमन्ना

बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित वन्दे मातरम् के बाद अमर शहीद रामप्रसाद 'बिस्मिल' का सरफरोशी की तमन्ना  ही वह गीत है जिसे गाते हुए कितने ही देशभक्त फांसी के फन्दे को चूम लिये।

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ुए कातिल में है
 

वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमान,
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है


करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है

रहबरे राहे मुहब्बत, रह न जाना राह में
लज्जते-सेहरा न वर्दी दूरिए-मंजिल में है

अब न अगले वलवले हैं और न अरमानों की भीड़
एक मिट जाने की हसरत अब दिले-बिस्मिल में है ।

ए शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार,
अब तेरी हिम्मत का चरचा गैर की महफ़िल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

खैंच कर लायी है सब को कत्ल होने की उम्मीद,
आशिकों का आज जमघट कूचा-ए-कातिल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

है लिये हथियार दुशमन ताक में बैठा उधर,
और हम तैय्यार हैं सीना लिये अपना इधर,
खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

हाथ जिन में हो जुनून कटते नही तलवार से,
सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से,
और भड़केगा जो शोला-सा हमारे दिल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

हम तो घर से निकले ही थे बाँधकर सर पे कफ़न,
जान हथेली पर लिये लो बढ चले हैं ये कदम.
जिन्दगी तो अपनी मेहमान मौत की महफ़िल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

यूँ खड़ा मकतल में कातिल कह रहा है बार-बार,
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

दिल में तूफ़ानों की टोली और नसों में इन्कलाब,
होश दुश्मन के उड़ा देंगे हमें कोई रोको ना आज
दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंज़िल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

वो जिस्म भी क्या जिस्म है जिसमें ना हो खून-ए-जुनून
तूफ़ानों से क्या लड़े जो कश्ती-ए-साहिल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ुए कातिल में है

Wednesday, November 20, 2013

इश्क से पहले

मीठी नींद..सुकून और राहत..
सब कुछ इश्क से पहले था..

भली सूरत

भली सूरत भी क्या बुरी शै है ..
जिसने भी डाली, बुरी निगाह डाली..

अलग ही तरीके से

एक अलग ही तरीके से ज़िन्दगी को जवाब देता हूँ,
मैं हर वक़्त आईने से मुस्कुरा कर मिलता हूँ।

यह बड़ा शहर

यह बड़ा शहर गले सब को लगा लेता है,
पर किसी शख़्स को अपना होने नहीं देता !

मत पूछ

मत पूछ के किस तरह से चल रही है जिन्दगी....
उस दौर से गुज़र रहे हैं.. जो गुज़रता ही नहीं...

Saturday, November 16, 2013

Iltija

Dil Ke Labon Pay Ek Dua Rehtiu Hai
Har Ghari Mujhe Ap Ki Parwah Rehti Hai
Khuda Har Sukh Zindagi Ka Kare Aata Apko
Har Dua Main Meri Ye Iltija Rehti Hai…

Tuesday, November 5, 2013

चुरा लूँ

काश ऐसा हो की तुमको तुमही से चुरा लूँ,
वक्त को रोक कर वक्त से एक दिल चुरा लूँ,
तुम पास हो तो रात से एक रात चुरा लूँ,
तुम साथ हो तो उस जहाँ से क जहाँ चुरा लूँ ...

Saturday, November 2, 2013

Tum bhi

Dil tootega to fariyaad karogi tum bhi,
Hum na rahe to humein yaad karogi tum bhi..
Tum bhi aaj kehti ho humare paas waqt nahi,
Par ek din mere liye waqt barbaad karogi tum bhi...

मुस्कुराने की आदत

मुस्कुराने की आदत,
कितनी महँगी पड़ी हमको,
छोड़ गया वो ये सोच कर,
कि हम जुदाई में भी ख़ुशी हैं।

Friday, November 1, 2013

Karoge yaad

Karoge yaad to har baat yaad aayegi,
Suhaane safar ki har mauj thehar jaayegi,
Talaash karoge jo humse behtar dost koi,
To nigaahein door tak jaa kar laut aayegi...

Kya Kasoor

Nazarein unhe dekhna chahe to aankhon ka kya kasoor,
Har waqt khushbu unki aaye to saanson ka kya kasoor..
Waise to sapne kisi se pooch  kar nahi aate,
Par sapne unke aaye to sapno ka kya kasoor..

Muqaddar

Dil tha ameer, muqaddar gareeb tha,
Mil kar bichadna humara naseeb tha..
Chaah kar bhi kuch kar na sake hum,
Ghar bhi jalta raha, samundar bhi kareeb tha..

haqeekat ka andaza

Har mulaqaat par waqt ka takaza hua,
Har yaad par dil ka dard taaza hua,
Suni thi sirf gazlon mein judaai ki baatein,
Ab khud par beeti to haqeekat ka andaza hua..

Ruthi Si Zindagi

Ruthi Si Zindagi ko Manana To Aata Hai,
Logon ko Hasana To Aata Hai,
Kya Hua Jo Na Bas Sake Kisi Ke Dil Mein,
Logon Ko Apne Dil Mein Basana To Aata Hai.