आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा,
जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Saturday, August 3, 2013
Kya Karein
दिल में धडकन और आँसु धम जाते हैं, जब कभी हम आपके इस आशियाने में आते हैं, थाम तो लेते हैं पलकों की कंपकंपाहट दो घडी, पर इन आँसुओं का क्या करें जो पल में बिखर जाते हैं.
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