Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Thursday, August 1, 2013
होंठों पर हँसी
कहीं अंधेरा तो कहीं शाम होगी,
मेरी हर खुशी तेरे नाम होगी,
कभी माँग कर तो देख हमसे ऐ दोस्त,
होंठों पर हँसी और हथेली पर जान होगी..
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