Tuesday, June 29, 2021

ठुकराया हमने भी बहुतों को है तेरी खातिर

ठुकराया हमने भी बहुतों को है तेरी खातिर, 
तुझसे फासला भी शायद उनकी बद्दुआओं का असर है! 

उसका उदास होना मुझे अच्छा नही लगता!

मुझसे बिछड़ कर ख़ुश है तो उसे खुश रहने दो, 
मुझसे मिल कर उसका उदास होना मुझे अच्छा नही लगता!

क्यूँ पूछते हो हम ने बताना तो है नहीं..

बैठे हैं चैन से कहीं जाना तो है नहीं 
हम बे-घरों का कोई ठिकाना तो है नहीं  

वो जो हमें अज़ीज़ है कैसा है कौन है 
क्यूँ पूछते हो हम ने बताना तो है नहीं...

Friday, June 18, 2021

तुम्हारी धड़कनों का दिल में इतना शोर लगता है

तुम्हारी धड़कनों का दिल में इतना शोर लगता है
कोई दिल्ली पुकारे तो हमें लाहौर लगता है

तुम्हारे खत चुरा कर ले गया कल रात कमरे से
तुम्हारा ही दीवाना शहर का एक चोर लगता है 

Wednesday, June 16, 2021

ज़ख़्मों को फिर मरहम की ज़रूरत नहीं होती

दो लफ़्ज़ मोहब्बत के असर करते हैं इतना 
ज़ख़्मों को फिर मरहम की ज़रूरत नहीं होती 

Saturday, June 12, 2021

मेरी आंखों का कोई ख़्वाब सा

मेरी आंखों का
कोई ख़्वाब सा
मेरी ख़्वाहिशों का
कोई जवाब सा
वो मिला है मुझको
इस तरह
मेरी नेकियों का
कोई ख़्वाब सा ।

नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही

नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही
नहीं विसाल मयस्सर तो आरज़ू ही सही

न तन में ख़ून फ़राहम न अश्क आंखों में
नमाज़-ए-शौक़ तो वाजिब है बे-वज़ू ही सही

किसी तरह तो जमे बज़्म मय-कदे वालो
नहीं जो बादा-ओ-साग़र तो हाव-हू ही सही

गर इंतिज़ार कठिन है तो जब तलक ऐ दिल
किसी के वादा-ए-फ़र्दा की गुफ़्तुगू ही सही

दयार-ए-ग़ैर में महरम अगर नहीं कोई
तो 'फ़ैज़' ज़िक्र-ए-वतन अपने रू-ब-रू ही सही