Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Thursday, April 16, 2020
शब्दों की मिट्टी से महफ़िल सजाता हूँ
कारीगर हूं साहब,
शब्दों की मिट्टी से महफ़िल सजाता हूँ....
किसी को बेकार,
किसी को लाजवाब नज़र आता हूं..
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