Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Saturday, February 15, 2020
मैं अपने गाँव की इक शाम तेरे नाम करता हूँ.
“शहर जाकर तुझे बस रात की शोखी हुई हासिल,
मैं अपने गाँव की इक शाम तेरे नाम करता हूँ...!
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