Tuesday, February 18, 2020

हमारी तरह करवट बदलकर सोने की आदत नहीं

मुझे चाहत कोई हुर की या परी की नहीं 
स्मित दिल पर लगा लू महोब्बत वो मेरी नहीं 

रूह को मंजिल बनाकर बदन पर घूम आउ
मुसाफ़िर हु चोर लुटेरे सी मेरी फितरत नही 

उनको नींद तो आती होंगी और क्यो न आयेगी ?
हमारी तरह करवट बदलकर सोने की आदत नहीं! 

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