Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Sunday, January 5, 2020
बरस जाओ कि राख हो जाऊँ ये शैलाब मिटे
तुम ज़रा मुस्कुराओ कि मेरे ग़म का कुहरा मिटे,
बरस जाओ कि राख हो जाऊँ ये शैलाब मिटे!
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