Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Tuesday, December 17, 2019
जिन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिए
हो के मायूस न यूँ शाम से ढलते रहिए
जिन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिए
~ कुंवर बेचैन
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