Tuesday, December 17, 2019

दिसम्बर की ये गुनगुनी धूप

आसमान में छितराए बादलों से 
छन कर आती 
दिसम्बर की ये गुनगुनी धूप 
जब आकर बैठती है 
तुम्हारे गालों पर 
तब सुबह होती है 
मेरे इश्क़ की! 

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