Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Saturday, November 23, 2019
फिर भी नज़र को हसरत-ए-दीदार रह गई!
क्या हुस्न था कि आंखों से देखा हज़ार बार
फिर भी नज़र को हसरत-ए-दीदार रह गई!
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