आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
जीने वाले क़ज़ा से डरते हैं ज़हर पीकर दवा से डरते हैं
ज़ाहिदों को किसी का ख़ौफ़ नहीं सिर्फ़ काली घटा से डरते हैं
दुश्मनों के सितम का ख़ौफ़ नहीं दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं
-शकील बदायूंनी
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