आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
जागती रातो को, सपनो का बहाना मिल जाए! तुम जो मिल जाओ तो, जीने का बहाना मिल जाए!
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