आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया, बच्चों के स्कूल में शायद तुम से मिली नहीं है दुनिया!
No comments:
Post a Comment