आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा,
जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Tuesday, October 30, 2018
भूख
भूख ने निचोड़ कर रख दिया है जिन्हें,
उनके तो हालात ना पूछो, तो अच्छा है!
मज़बूरी में जिनकी लाज लगी दांव पर,
क्या लाई सौगात ना पूछो तो अच्छा है!
बाढ़ के पानी में बह गए छप्पर जिनके,
कैसे गुजारी रात ना पूछो तो अच्छा है!
No comments:
Post a Comment