Monday, January 29, 2018

शायर

दर्द आँखों से निकला, तो सबने कहा कायर है ये,
दर्द अल्फ़ाज़ में क्या ढला, सबने कहा शायर है ये?

Monday, January 8, 2018

मुस्कुराहट

मत पूछो कि मेरा कारोबार क्या है?
मुस्कुराहट की बस एक,
छोटी दुकान है नफरत के बाजार में!

बड़ी देर लगा दी


खा कर ठोकर ज़माने की, फिर लौट आये मयखाने में,
मुझे देख कर मेरे ग़म बोले, बड़ी देर लगा दी आने में!

Sunday, January 7, 2018

रंज की घड़ी

दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे,
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे!

कश्मकस

ये कश्मकश है ज़िंदगी की, कि कैसे बसर करें!
ख्वाहिशे दफ़न करे, या चादर बड़ी करें!!

अपने

सो जा ऐ दिल कि अब धुन्ध बहुत है तेरे शहर में,
अपने दिखते नहीं और जो दिखते है वो अपने नहीं!