आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
क्या खूब रंग दिखाती है जिंदगी, क्या इक्तेफ़ाक होता है। प्यार में ऊम्र नही होती पर, हर ऊम्र में प्यार होता है!
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