आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
जो उड़ते हैं अहम् के आसमानों में, जमीं पर आने में, वक़्त नहीं लगता। हर तरह का वक़्त आता है ज़िंदगी में, वक़्त के गुज़रने में, वक़्त नहीं लगता!
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