Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Sunday, January 12, 2014
चिराग आँधियों में भी
निगाहों में मंज़िल थी, गिरे,
और गिर कर संभलते रहे।
हवाओं ने तो बहुत कोशिश की,
मगर चिराग आँधियों में भी जलते रहे।
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