Thursday, May 10, 2012

खुशबू

इतना टूटा हूँ कि छूने से बिखर जाऊँगा,
अब अगर और दुआ दोगे तो, मर जाऊँगा!
फूल रह जायेंगे, गुलदानों में यादों की नज़र,
मैं तो खुशबू हूँ, फिज़ाओं में बिखर जाऊँगा॥

मैं

आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा,
कश्ती के मुसाफ़िर ने समन्दर नहीं देखा |

पत्थर कहता है मुझे मेरा चाहनेवाला,
मैं मोम हूँ उसने मुझे छूकर नहीं देखा ||