आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
ये संगमर्मर सा तराशा गोरा बदन,
बूँद बूँद पिघल्ता शबाब.
होठों से लगा के देखो कशिश कैसी है,
कम्बख्त ये "आइस-क्रीम" चीज़ ही ऐसी है ।
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