शायद तुमको भी नहीं पता होगा
कि तुम मेरे लिए क्या हो
एक खुशनुमा एहसास
बहुत खास
और एक प्यारी सी सज़ा हो
सज़ा भी वो जिसे पाने के लिए
हर गुनाह कबूल है
तुम एक प्यारी सी दुआ हो
मेरे हर मर्ज की दवा हो
मेरी बेचैनियों का
चैन हो तुम
मेरी बेसब्री का
सब्र हो तुम
मेरा उदास होना लाजमी है
अगर तुमसे बात ना हो
चाहे कुछ पल के लिए ही सही
गर तुमसे मुलाकात ना हो
दिन हो रात हो
ख्याल बस तुम्हारा ही होता है
जवाब एक नहीं हजारों होंगे
पर हर बार सवाल तुम्हारा ही होता है
मुझे साथ चाहिए तेरा
पर सात जन्मों का नहीं
हर जन्म का
हर दिन का
हर पल का
मैं वादा करता हूं तुझसे
बे इंतेहा मोहब्बत करूंगा तुझसे
कभी रोने नहीं दूंगा
तुझे कभी खोने नहीं दूंगा
तुम हमेशा मेरे दिल में रहोगी
एक प्यारा सा एहसास बनकर
बहुत खास बनकर....
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