आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
ये पहली बारिशऔर तुम्हारी यादें ....ये मिट्टी की खुशबूऔर तुम्हारी यादें ....हमारी पहली मुलाकात की बरसीऔर तुम्हारी यादें!!!!!
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