आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
मैंनू तेरा शबाब ले बैठा,
रंग गोरा गुलाब ले बैठा। किन्नी-बीती ते किन्नी बाकी है,मैंनू एहो हिसाब ले बैठा। मैंनू जद वी तूसी तो याद आये,दिन दिहाड़े शराब ले बैठा। चन्गा हुन्दा सवाल ना करदा,मैंनू तेरा जवाब ले बैठा।
किन्नी-बीती ते किन्नी बाकी है,
मैंनू जद वी तूसी तो याद आये,
चन्गा हुन्दा सवाल ना करदा,
शिव कुमार बटालवी
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