आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
दिन हो या रात, धूप हो या बरसात,
हर पल,हर क्षण तेरी ख्यालों में डूबा रहता हूं मैं,अब तक मुझे हिचकियां क्यों नहीं आईं,शायद वो किसी और के ख्यालों में डूबती नजर आई
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