आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा,
जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Thursday, June 8, 2023
ज़िक्र तेरा लबों पे क्या आया
ज़िक्र तेरा लबों पे क्या आया ।
चैन दिल को, फिर नहीं आया ।। खुद से बिछड़े न हम मिले खुद से । लौट कर वक़्त फिर नहीं आया ।। दर्द इतना अज़ीज़ था मुझको । अश्क़ आंखो में फिर नहीं आया ।। आज भी ढूंढती नज़र उसको । लौट कर जो,फिर नहीं आया ।।
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