Thursday, June 29, 2023

कितना रखना है अब फासला सोच लो

कोई रंजिश कोई सानेहा सोच लो

अबके लिखना है क्या वाकया सोच लो 

हम भी खामोश हैं तुम भी खामोश हो 
कैसे सुलझेगा ये मस'अला सोच लो 

तुम तो आँखों से दिल में उतर ही गये 
कितना रखना है अब फासला सोच लो 

ज़िंदगी चंद लम्हों की मेहमान है 
अब दवा बे असर है दुआ सोच लो 

इश़्क की रहगुज़र भी कठिन है
प्यार करने से पहले ज़रा सोच लो

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