आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
गलतियों से जुदा तू भी नही, मैं भी नहीं,
दोनों इंसान हैं, ख़ुदा तू भी नही, मैं भी नहीं.
गलतफहमियों ने कर दी दोनो में पैदा दूरियां,
वरना फितरत का बुरा तू भी नही, मैं भी नहीं.
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