Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Wednesday, April 7, 2021
मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुँचे ।
उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें
मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुँचे ।
~ जिगर मुरादाबादी
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