Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Friday, April 30, 2021
शायरी दिल की आवाज़ है या
शायरी दिल की आवाज़ है या महबूब की ज़ुल्फ़ों का पेंचोख़म.
जो भी है इनके ज़रिये दिल की बात लबों तक आती है।
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