Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Tuesday, October 20, 2020
तारीफ़ करूँ आपकी या गिला करूँ
तारीफ़ करूँ आपकी या गिला करूँ,
याद में आपकी ग़ज़ले सिला करूँ।
गुफ़्तगू किया करूं बैठ ख्वाबों में
सुबह-शाम आपसे मैं मिला करूँ।
मुरझाया हूं बिन सावन-बारिश के,
रिमझिम के आगोश में खिला करूँ।
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