Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Wednesday, October 21, 2020
उसकी यादों में खोना मुनासिब नहीं।
उसको पाने की चाहत मुनासिब नहीं,
उसकी यादों में खोना मुनासिब नहीं।
वक्त यूं तो गुज़र जाएगा ख़्वाब में,
ख़्वाब को दिल में लाना मुनासिब नहीं।।
फिर से मन को दुखाना मुनासिब नहीं,
दिल में दीपक जलाना मुनासिब नहीं।
जो ना अपना बनाना चाहे मुझे,
उसको दिल में बसाना मुनासिब नहीं।।
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