Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Monday, September 28, 2020
मैं बेकसूर हूं इल्ज़ाम थोपा गया है
मैं बेकसूर हूं इल्ज़ाम थोपा गया है
दिले गुलिस्तान में बबूल रोपा गया है
मैं तो जुगनू हूं मुझे अंधेरों से प्यार है
मुझपर दावा ए आफताब ठोका गया है
लहू के रंग से जाहिर है हम सब एक हैं
जाने क्यों खंजर ए नफरत घोंपा गया है
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment