Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Friday, July 10, 2020
सुलगती थी तमन्ना आँखों में
सुलगती थी तमन्ना आँखों में ,अश्क़ों को रोज जलाती थी
तेरे मह पर चाँदनी उगती थी,वो आँखों में ठंडक लाती थी
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