मौत का एक दिन मुअय्यन है
नींद क्यूँ रात भर नहीं आती
- मिर्ज़ा ग़ालिब
'मीर' का रंग बरतना नहीं आसाँ ऐ 'दाग़'
अपने दीवाँ से मिला देखिए दीवाँ उन का
- दाग़ देहलवी
ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं
तेरा होना भी नहीं और तिरा कहलाना भी
- वसीम बरेलवी
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
- अहमद फ़राज़
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