Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Tuesday, April 28, 2020
हमने जब भी गुनगुनाई नेह की आसावरी
हमने जब भी गुनगुनाई नेह की आसावरी,
खुद ब खुद बहने लगी तब शब्द की गोदावरी,
एक सुखद स्पर्श पाकर गीत अनगिन हो गये,
देह तो जगती रही मन प्रान दोनों सो गये,
मुँह छिपाते ना उजाले, ना अंधेरे रीझते,
प्यार के बदले अगर तुम प्यार देना सीखते.❤️
~ डॉ विष्णु सक्सेना 😍
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