Saturday, April 11, 2020

ऐब भी करने को हुनर चाहिए

क़ब्रों में नहीं हम को किताबों में उतारो
हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरे हैं
- एजाज तवक्कल

और 'फ़राज़' चाहिए कितनी मोहब्बतें तुझे
माओं ने तेरे नाम पर बच्चों का नाम रख दिया
- अहमद फ़राज़

शर्त सलीक़ा है हर इक अम्र में
ऐब भी करने को हुनर चाहिए
- मीर तक़ी मीर

सियाह रात नहीं लेती नाम ढलने का
यही तो वक़्त है सूरज तिरे निकलने का
- शहरयार

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