Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Wednesday, February 12, 2020
धड़कनें गाती हैं मल्हार मिलन की!
सौ रातें गुजरती हैं विरह की,
तो इक रात आती है #मिलन की!
स्तब्ध निशा में, झंकृत हृदय तंत्र हो,
धड़कनें गाती हैं मल्हार #मिलन की!
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