Saturday, February 8, 2020

बा-वफ़ा थे मिरे यार सब के सब!

पूछो अगर तो करते हैं इंकार सब के सब 
सच ये कि हैं हयात से बेज़ार सब के सब 

था एक मैं जो शर्त-ए-वफ़ा तोड़ता रहा 
हालाँकि बा-वफ़ा थे मिरे यार सब के सब! 

No comments:

Post a Comment