Friday, February 21, 2020

आग बहते हुए पानी में लगा आया हूँ

तेरे ख़ुशबू में बसे ख़त मैं जलाता कैसे 
प्यार में डूबे हुए ख़त मैं जलाता कैसे 
तेरे हाथों के लिखे ख़त मैं जलाता कैसे 

तेरे ख़त आज मैं गँगा में बहा आया हूँ 
आग बहते हुए पानी में लगा आया हूँ! 

No comments:

Post a Comment