Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Monday, January 27, 2020
ज़ुल्म सहने से भी ज़ालिम की मदद होती है
कुछ न कहने से भी छिन जाता है एजाज़-ए-सुख़न,
ज़ुल्म सहने से भी ज़ालिम की मदद होती है!
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