Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Thursday, December 19, 2019
तड़प ए दिल तड़पने से ज़रा तासकीं होती है
खामोशी से मुसीबत और भी संगीन होती है...
तड़प ए दिल तड़पने से ज़रा तासकीं होती है...
~ शाद अज़ीमाबादी
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