Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Thursday, December 26, 2019
किसी काम में जो न आ सके मैं वो एक मुश्त-ए-ग़ुबार हूँ
न किसी की आँख का 'नूर' हूँ न किसी के दिल का क़रार हूँ
कसी काम में जो न आ सके मैं वो एक मुश्त-ए-ग़ुबार हूँ
- मुज़्तर ख़ैराबादी
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment