Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Monday, November 11, 2019
कि मुझे कोई तमन्ना ना रहे
रूह आज़ाद हो, मजबूर-ए-तक़ाज़ा ना रहे,
है तमन्ना...के मुझे कोई तमन्ना ना रहे!
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