आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
दिल तो रोता रहे ओर आँख से आँसू न बहे इश्क़ की ऐसी रिवायात ने दिल तोड़ दिया
आप को प्यार है मुझ से कि नहीं है मुझ से जाने क्यूँ ऐसे सवालात ने दिल तोड़ दिया
~सुदर्शन फ़ाख़िर
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