Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Tuesday, October 29, 2019
हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है!
क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है,
हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है!
~जिगर मुरादाबादी
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